हिंदी पत्रकारिता के इतिहास की लंबी यात्रा रही है | पहले मुद्रण तकनीक के संदर्भ में पठन-पाठन होता था यह सिलसिला आज भी अधिकांश शिक्षकों में बरकरार है | लेकिन आज पत्रकारिता का इतिहास बिन परिप्रेक्ष्य में पढ़ाने की जरूरत है इस दौरान दो महत्वपूर्ण संवृत्तियां बदली है | स्वातंत्रयोत्तर दौर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आया और नव आर्थिक उदारीकरण के साथ कंप्यूटर तकनीक के साथ इंटरनेट आया | इन दोनों ही संवृत्तियों ने पत्रकारिता के इतिहास को बुनियादी तौर पर प्रभावित किया है |
जगदीश्वर चतुर्वेदी मथुरा में 1997 में जन्म | आरंभ में 13 वर्षों तक सिद्धांत ज्योतिषशास्त्र का अध्ययन | ज्योतिषशास्त्र पर आरंभ में दो पुस्तकें प्रकाशित | संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से सिद्धांत ज्योतिषाचार्य (1979), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से हिंदी में एम.ए. (1981), एमफिल, (1982), (आपातकालीन हिंदी कविता और नागार्जुन), पी. एच. डी. स्वातंत्रोत्तर हिंदी कविता की मार्क्सवादी समीक्षा का मूल्यांकन (1986), कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 1989 से 2016 तक अध्यापन कार्य, तीन बार विभाग अध्यक्ष | साहित्यालोचन और मीडिया पर 58 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित | कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सन 1989 में प्रवक्ता सन 1993 में रीडर और 2001 में प्रोफेसर पद पर नियुक्ति | सन सन 2016 में रिटायर | प्रकाशित कुछ प्रमुख पुस्तकें - उंबेतरो इको: चिन्हशास्त्र, साहित्य और मीडिया, (2012), मीडिया समग्र 11 खंडों में (2013), साहित्य का इतिहास दर्शन (2013), डिजिटल कैपिट लिजम, फेसबुक संस्कृति और मानवाधिकार (2014), इंटरनेट, साहित्य लोचन और जनतंत्र के (2014), नामवर सिंहऔर समीक्षा के सीमांत (2016), रामविलास शर्मा और परवर्ती पूंजीवाद और साहित्य इतिहास की समस्याएं , (2017) उत्तर आधुनिकतावाद (2004), तिब्बत दमन और मीडिया (2009), नदी ग्राम मीडिया और भूमंडलीकरण 2008 स्त्रीवादी साहित्य विमर्श (2000), मार्क्सवादी साहित्यालोचना की समस्यां, साइबर परिप्रेक्ष्य में हिंदी संस्कृत, उत्तर आधुनिकतावाद और विचारधारा, आधुनिकतावाद और विचारधारा, लेखक विश्व दृष्टि और संस्कृति |
पहला खण्ड
लोकतंत्र, मीडिया और जनप्रिय संस्कृति
दूसरा खण्ड
हिंदी पत्रकारिता का इतिहास : परिप्रेक्ष्य और दृष्टि
तीसरा खंड
हिंदी पत्रकारिता का विकास विचारधारा और कानून
चौथा खंड
समाचार की निर्माण प्रक्रिया और प्रेस की भूमिका
पाँचवाँ खंड
आधुनिक संचार माध्यम संकट और चुनौतियां
छठा खंड
युद्ध आतंकवाद और मीडिया