हिंदी भाषा और संप्रेषण

Rs.695.00

9789391798482
HB
Academic Publication
अनिरुद्ध कुमार सुधांशु, मोनिका दुबे मृत्युंजय प्रताप सिंह
23/36/16
174
2021

Description

मानव सभ्यता की शुरुआत से मानव को अपने सामाजिक व्यवहार के लिए भाषा की जरूरत पड़ती रही है मानव ने अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कभी सांकेतिक तो कभी ध्वनियों का सहारा लिया है वैसे तो सभी संकेत भी भाषा है पर क्या केवल संकेतों से मनुष्य अपने व्यवहार की प्रक्रिया पूरी कर सकता है या नहीं इसलिए उसने भाषा की खोज की भाषा को मानव समाज के व्यवहार गत उद्देश्यों की पूर्ति मात्र नहीं बल्कि उसकी सभी भावनाओं का संचरण भी करता है | वह इसके माध्यम से व्यवहार करता है अगर संक्षेप में कहें कि संप्रेक्षण दो एक भाषीय या दिभाषिक व्यक्ति के बीच विचारों का आदान-प्रदान है तो यह गलत नहीं होगा परंतु कुछ भ्रामक जरूर हो सकता है क्योंकि विचारों का विनिमय तो भाषा का उद्देश्य भी होता है फिर संप्रेक्षण में अलग क्या है संप्रेषण के सिद्धांत के रूप में विचार करें तो यह भाषा के प्रभाव से ज्यादा जुड़ा नजर आता है कि किस प्रकार किसी भाषा को प्रभावी रूप से दूसरों तक पहुंचाया जाए ताकि वह उस बात को उसी तरह प्राप्त कर सके जिस प्रकार से उस भाषा का ज्ञाता उस बात को धारण करता है |

About Author

डॉ अनिरुद्ध कुमार सुधांशु

शिक्षा एम.ए., एम.फिल. (आगरा बाजार में लोग धार्मिकता ) पी.एच.डी. (हबीब तनवीर के नाटकों में लोग धार्मिकता), पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज, करोड़ीमल कॉलेज, कालिंदी कॉलेज भास्कराचार्य कॉलेज, एस.पी.एम. कॉलेज, माता सुंदरी कॉलेज आदि महाविद्यालय में अध्यापन कार्य |

रंगकर्मी एवं नाट्य अभिनेता : अंधा युग अंधेर नगरी लक्खा बुआ, बाकी इतिहास, नटबीज, सावित्री आदि नाटकों में अभिनय एवं निर्देशन |

संप्रति : मोतीलाल नेहरू कॉलेज , तदर्थ प्रवक्ता वर्तमान में अध्यक्ष: गवाह थियेटर ग्रुप

मोनिका दुबे

बी.ए. एम.ए. मोनिका दुबे, बी.ए.एम.ए. दिल्ली विश्वविद्यालय तीन बार नेट उत्तीर्ण, विभिन्न संगोष्ठी ओं में आलेख प्रस्तुत विभिन्न पत्रिकाओं में शोध आलेख प्रकाशित संप्रति बी.एन.सी . दिल्ली विश्वविद्यालय |

मृत्युंजय प्रताप सिंह

शिक्षा बी.ए . एम.ए. हिंदी दिल्ली विश्वविद्यालय एम.ए., एम.फिल (मास कम्युनिकेशन)

संप्रति : प्राचार्य, जी. आर. इंटरनेशनल स्कूल, दिल्ली

Table of Content

  1. भाषिक संप्रेषण : स्वरूप और सिद्धांत
  2. संप्रेषण के प्रकार
  3. संप्रेषण के माध्यम
  4. पढ़ना और समझना