कबीर या भगत कबीर 15 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे | वे हिंदी साहित्य के भक्ति कालीन युग में ज्ञानश्रयी- निर्गुण शाखा की काव्य धारा के प्रवर्तक थे | इनकी रचनाओं ने हिंदी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया | उनके लेखक सिक्कों के आदि ग्रंथ में भी मिला जा सकता है | वे हिंदू धर्म के इस्लाम के आलोचक थे | उन्होंने यज्ञोपवित और खतना को बेमतलब करार दिया और इन जैसी धार्मिक प्रथाओं की सख्त आलोचना की थी | उनके जीवनकाल के दौरान हिंदू और मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए धमकी दी थी |
डॉ. जे.पी. शर्मा , एम.ए. (राजनीति शास्त्र)पी.एचडी., वर्तमान में सहायक प्रोफेसर के पद पर पिछले 15 वर्षों से अध्यापन कार्य कर रहे हैं | इसके अतिरिक्त इन्होंने कई वर्ष अथिति अध्यापक के रूप में विभिन्न विद्यालयों में कार्य किया है | इन्होंने अनेक समिनार एवं सम्मेलन में भाग लिया है | अब तक करीब 30 लेख विभिन्न स्थानीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं |