भूमण्डलीकरण साहित्य समाज और संस्कृति

Rs.1295.00

9789383931941
HB
Academic Publication
रेनू
23/36/16
2018

Description

भूमंडलीकरण या वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है | इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं तथा एक साथ कार्य करते हैं |

About Author

डॉ. रेनू ,जन्म  : 7 जनवरी 1960 लेखिका - कवियत्री, पत्रकार व स्त्रीमुक्ति आंदोलन की अग्रणीय कार्यकर्ता, कई संगठनों की संस्थापक सदस्य | दलित आदिवासी से महिलाओं के लिए कार्यरत | सामाजिक , सांस्कृतिक व राजनैतिक कार्यक्रमों में सहभागिता | टीवी चैनल पर आमंत्रित वक्ता ,कई देशों की यात्राएं | विभिन्न सम्मान व पुरस्कारों से सम्मानित | दलित मानवाधिकार मुद्दे पर और सफाई कर्मचारियों की समस्याओं पर संजीदगी से हस्तक्षेप उत्तर भारत में दलित महिला आंदोलन के दस्तावेजीकरण हेतु सक्रिय | आपकी 4 पुस्तकें और 15 से ज्यादा सामाजिक अनुसंधान लेख प्रकाशित हुए हैं |

Table of Content

  1. भूमंडलीकरण : एक परिचय
  2. भूमंडलीकरण का उद्भव
  3. भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव
  4. वैश्वीकरण : अवधारणा अर्थ और आयाम
  5. भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी
  6. भूमंडलीकरण की चुनौतियां : संचार माध्यम और हिंदी
  7. भूमंडलीकरण और संस्कृति
  8. भूमंडलीकरण और ग्लोबल मीडिया
  9. वैश्वीकरण और भारतीय संस्कृति पर इसके प्रभाव
  10. वैश्वीकरण और हिंदी प्रसार और प्रभाव
  11. वैश्वीकरण , बाजारवाद और हिंदी भाषा
  12. भूमंडलीकरण और जन - आंदोलनों की नई राजनीति
  13. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
  14. वैश्वीकरण : चुनौतियां एवं विकल्प
  15. भौतिकवादी संस्कृति का वैश्वीकरण
  16. वैश्वीकरण एवं पर्यावरण
  17. भूमंडलीकरण का मनोरंजन उद्योग पर प्रभाव
  18. वैश्वीकरण , महिलाएं व मानव अधिकार
  19. भूमंडलीकरण का अर्थशास्त्र
  20. भूमंडलीकरण का सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य
  21. भूमंडलीकरण कृषि और उसकी चुनौतियां संदर्भ ग्रंथ