सिनेमा आधुनिक योग में मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन बन गया है | सिनेमा की शुरुआत भारत में परतंत्रता काल में हुई | दादा साहेब फाल्के जैसे जुझारू लोगों ने निजी प्रयत्नों से सिनेमा को भारत में प्रतिष्ठित किया| फिर धीरे-धीरे लोगों का सिनेमा के प्रति आकर्षण बढ़ा | आज भारत एक चलचित्र उद्योग विश्व में सिनेमा से प्रतिस्पर्धा रहा है | सिनेमा विज्ञान के अद्भुत देन है | फिल्मों के निर्माण में अनेक प्रकार वैज्ञानिक यंत्रों का प्रयोग होता है | शक्तिशाली कैमरे , स्टूडियो, कंप्यूटर, संगीत के उपकरणों आदि के मेल से फिल्मों का निर्माण होता है |
ए.वि. जमादार, 1) जन्म स्थान : लखणगाव ता जि. बिदर , जन्म तिथि : 07.04.1963
2) शिक्षा : एम. ए. एम. फिल, पीएच. डी (हिंदी )
3) अनु संसाधन कार्य : एम.फिल, पीएच.डी शोध निर्देशक
4) मायनर रिसर्च प्रोजेक्ट
5) लेखन : स्टेट राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध निबंध प्रस्तुत एवं प्रकाशित लेख
6) व्याख्यान : अनेक चर्चा सत्रों में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान एवं हिंदी दिवस पर व्याख्यान
7) प्रकाशित पुस्तकें : 1. उग्र कष्त अपनी खबर का मूल्यांकन
2. अनुदित (मराठी से हिंदी )
3. मानव समस्या समाधान
4. आदिवासी एवं उपेक्षित जन
5. प्रयोजनमूलक हिंदी तथा भाषा कंप्यूटिंग
6. काव्यांजलि-कमविता संग्रह (संपादक)
7. कंथासाहित्य (संपादित) सदस्य
8. नाटक तथा एकांकी संपादित सदस्य
9. साहित्य भारती (संपादित) सदस्य
10. काव्यांजलि- कविता संग्रह (संपादक)
11. निबंध तथा कथेत्तर गद्य (गद्यसागर) संपादक
8) प्रकाशन: समता प्रकाशन कानपुर (उ.प्र.), विकास प्रकाशन कानपुर (उ.प्र.), वाणी प्रकाशन हिंदी दिव्य डिस्ट्रीब्यूटर्स कानपुर (उ.प्र.)
9) अन्य : अध्यक्ष, हिंदी अध्ययन मंडल, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय नांदेड़