पुस्तक के बारे में नारी सृष्टि की निर्मात्री है वह न केवल जन्मदात्री है अपितु संतति के संस्कार का पल्लवन व परिवार की रचनाकार भी है | फिर क्यों उस सशक्त शक्ति के लिए किसी अवधारणा या विकास की शब्दावली की आवश्यकता का प्रादुर्भाव हुआ ? उसके कारण क्या रहे ? और उसका स्वरूप कैसा है ? इन प्रश्नों के उत्तर जानने की जिज्ञासा से फलीभूत होकर किए गए अध्ययन को सशक्तिकरण पर आधारित इस शोधकार्य में समाविष्ट किया गया है | शोधकार्य पर आधारित उक्त प्रकाशन में वैश्विक व भारतीय पटल पर महिला सशक्तिकरण की अवधारणा के प्रारंभ चरण, इसके स्वरूप तथा विविध आयामों को चरणबद्ध क्रम में प्रस्तुत किया गया है | पुस्तक में महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक घटको (शिक्षा, जागरूकता, संसाधनों पर नियंत्रण, क्षमता निर्माण, सहभागिता आदि) के मध्य संबंध व परिमापन संख्यिकीय कार्य दर्शाया गया है | पुस्तक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में किए गए शोधग्रंथ के निष्कर्षों पर आधारित है, जिससे मध्यभारत के सबसे बड़े नगर इंदौर की पृष्ठभूमि पर आधारित किया गया है | शोधकर्ता महिला सशक्तिकरण, प्रकृति, स्वरूप व इसके मापन कार्य, और संख्यिकीय विश्लेषण आदि को एक वैज्ञानिक अध्ययन की तरह किया गया है, जिससे कार्य की विश्वसनीयता बनी रहती है |आपके हाथ में प्रस्तुत शोधकार्य पर आधारित उक्त पुस्तक जहां पाठकगणों को महिला सशक्तिकरण जैसे समाज की उन्नतिमूल अवधारणा के विस्तृत स्वरूप से अवगत कराती है , वही इसके संख्यिकीय कार्य के मापक के नवीन स्वरूप का परिचय भी देती है | यह पुस्तक नवीन जनगणना आंकड़ों के साथ प्रस्तुत कर इंदौर नगर में समाज विज्ञान क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य को प्रस्तुत करने का संक्षिप्त व सारगर्भित प्रयास है |
डॉ. राखी रघुवंशी कसेरा का जन्म 4 जून 1980 को मध्य प्रदेश राज्य के जिला धार में नर्मदा तट के किनारे ग्राम खलघाट में हुआ | माता-पिता ने बालिकाओं की शिक्षा के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए लेखिका को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया | लेखिका ने मां अहिल्या की नगरी इंदौर में स्कूली शिक्षा के उपरांत विश्वविद्यालयीन उच्च शिक्षा प्राप्त कर माता-पिता के बालिकाओं की शिक्षा के प्रति उन्मुख दृष्टिकोण को अपने भागीरथी प्रयत्नों से बल दिया | आपने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से गणित संकाय में स्नातक , समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर, तदुपरांत बाबासाहेब अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस रिसर्च महू से एम.फिल. तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से महिला सशक्तिकरण की प्रकृति एवं स्वरूप विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की | उक्त कार्य शैली की गुणवत्ता का उचित परिमापन कर भारतीय समाजिक विज्ञान अनुसंसाधन परिषद नई दिल्ली द्वारा लेखिका को डॉक्टोरल फेलोशिप प्रदान की |