सांस्कृतिक रिपोर्टिंग

Rs.595.00

9789383931644
Hardcover
Academic Publication
साक्षी गौतम
2024

Description

रिपोर्टिंग करना एक कला है | इसमें आवश्यक अनावश्यक विचारों की पहचान करना जरूरी होता है | रिपोर्टर को यह ध्यान रखना होता है कि क्या प्रकाशित किया जाने लायक है और क्या नहीं ? वक्ता के विचारों में यदि किसी तरह की विवादास्पद टिप्पणियां है तो उसे हटाना जरूरी होता है | यद्यपि कुछ टिप्पणियां विवादों के बावजूद यदि प्रकाशन के लिए आवश्यक है तो उसकी भाषा कैसी बनाई जाए कि उसे पाठक ग्रहण सके | ऐसी रिपोर्टिंग की कला इस पुस्तक में पढ़ने को मिलती है | साक्षी गौतम ने समय-समय पर महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की जो रिर्पोटिंगों की हैं उन्हें संकलित करके पुस्तकाकार का रूप दिया है | हिंदी में यह पहला प्रयास देखने को मिलता है | पुस्तक में सामाजिक ,सांस्कृतिक समारोह व शिक्षाजगत से जुड़ी हुई रिपोर्टिंगों को ही स्थान दिया गया है | यहां संकलित की गई रिपोर्टिंग उत्कृष्ट ही नहीं बल्कि पठनीय भी हैं | पत्रकारिता पढ़ रहे हैं विद्यार्थियों को निशिचय ही रिपोर्टिंग की बारीकियों को समझने के लिए यह पुस्तक मार्गदर्शन का काम करेगी |

About Author

दिल्ली में साक्षी गौतम ने पत्रकारिता के लिए अपना कार्यक्षेत्र दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों को ही चुना है | वर्ष 2017 में साक्षी गौतम ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी से पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की | इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी, 2018 में पत्रकारिता में महिलाओं की जातिगत समस्या विषय पर शोध- पत्र पढ़ा | दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष 2009 में इंदिरा अवार्ड प्राप्त किया | केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, दिल्ली से वर्ष 2009 में उत्कृष्टता का प्रशस्त्रि-पत्र प्राप्त किया | राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक एवं साहित्यिक विषयों पर विचारात्मक लेखों को समय-समय पर प्रकाशन | हिंदी मासिक बयान पत्रिका में स्थाई संवाददाता के रूप में कार्य किया | मथुरा से प्रकाशित डिप्रेस्ड एक्सप्रेस, तथा उज्जैन से प्रकाशित आश्वस्त में रिपोर्टिंग प्रकाशित | संप्रति : दिल्ली संवाददाता, भीम प्रज्ञा, सप्ताहिक समाचार-पत्र, झुझून राजस्थान |

Table of Content

  1. जाति समाज को खोखला कर रही है - प्रो. आर. एल. हांगलू
  2. बहुजनों के अधिकारों का रक्षक है भारतीय संविधान - सुलेख चंद
  3. आर्थिक सोसायटी कैन साहब के अनशासन की ही देन है - डॉ. नरेंद्र नाथ
  4. सपना का सपना कु़ठ मुक्त भारत हो अपना
  5. बामसेफ का 20 वां दिल्ली राज्य अधिवेशन में समाजसेवियों के स्वर
  6. हमारे विकास का आधार शिक्षा है – उज्जैनवाल
  7. जो थे लोग दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार करते हैं वही लोग दलितों के नाम पर ही वोट मांगते हैं - अरविंद केजरीवाल
  8. बुद्ध मनोवैज्ञानिक - सत्यपाल मलिक
  9. संविधान चिरायु हो! बामसेफ
  10. उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह
  11. दलित सरकारी नौकरी पर ही निर्भर न रहे- चंद्रभान प्रसाद
  12. सुमन सिंह की पुस्तक पर विमोचन
  13. कुमाऊं विश्वविद्यालय का नाम एडवोकेट नंद प्रसाद विश्वविद्यालय होना चाहिए - डॉ. रूपचंद्र गौतम
  14. दिल्ली में हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइडस का तीन दिवसीय कैंप संपन्न
  15. चरित्र को बदलने के लिए विचारों को बदलना होगा – दयाराम
  16. 10 प्रतिशत लोगों का 90 प्रतिशत संसाधनों पर कब्जा है- सोमभाई
  17. पत्रकारिता चिंतन और सरोकार का विषय - डॉ. रूपचंद्र गौतम
  18. अधिवेशन वैचारिक क्रांति का मुद्दा नहीं बल्कि सांस्कृतिक क्रांति का मुद्दा है - प्रो. विवेक कुमार
  19. जरूरी है पत्रकारिता में बदलाव की- तेजपाल सिंह नेगी
  20. हर्ष बिहार में बुद्ध जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गयी
  21. विचारों को बार-बार नहीं दोहराया जाएगा तो विचार मर जाएंगे - प्रो. विवेक कुमार
  22. शक्ति में भक्ति - धर्मवीर सिंह अशोक
  23. बामसेफ से ही डॉ.अंबेडकर के सपनों का भारत बन सकता है - सुरेंद्र चंद्रा
  24. गीतों भरी शाम बाबा तेरे नाम राजीव नगर मंडोली, दिल्ली में हुआ यह कार्यक्रम
  25. जय भीम के नारे से गूंज उठी दिल्ली
  26. दैनिक शिल्पकार टाइम्स विमोचन
  27. गली- मोहल्ले से लेकर महानगर तक बामसेफ के विचारों को फैलाना होगा-  दयाराम
  28. दिल्ली में पूज्य धम्म भंते ज्योति की तेरहवीं स्मृति पर लोगों के स्वर
  29. आस्था एवं कर्म कभी एक साथ नहीं चलते - प्रोफेसर हेमलता महेश्वर
  30. व्यक्ति की अपेक्षा व्यक्ति की विचारधारा महान होती है -  प्रो. विवेक