सिनेमा फिल्म अथवा चलचित्र चित्रों को इस तरह एक के बाद एक प्रदर्शित किया जाता है जिससे गलती का आभास होता है | फिल्में अक्सर वीडियो कैमरे से रिकॉर्ड करके बनाई जाती हैं, या एनिमेशन विधियों या इफैक्ट्स का प्रयोग करके बनाए जाती हैं | वर्तमान युग में सिनेमा मनोरंजन का महत्वपूर्ण साधन हैं लेकिन इनका कला अभिव्यक्ति और शिक्षा के लिए भी होता है |
डॉ. जमादार ए. एच. 1) जन्म स्थान : लखणगाव ता जि. बिदर जन्म तिथि : 07.04.1963
2) शिक्षा : एम. ए. एम. फिल, पीएच. डी (हिंदी )
3) अनु संसाधन कार्य : एम.फिल, पीएच.डी शोध निर्देशक
4) मायनर रिसर्च प्रोजेक्ट
5) लेखन : स्टेट राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध निबंध प्रस्तुत एवं प्रकाशित लेख
6) व्याख्यान : अनेक चर्चा सत्रों में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान एवं हिंदी दिवस पर व्याख्यान
7) प्रकाशित पुस्तकें : 1. उग्र कष्त अपनी खबर का मूल्यांकन
2. अनुदित (मराठी से हिंदी )
3. मानव समस्या समाधान
4. आदिवासी एवं उपेक्षित जन
5. प्रयोजनमूलक हिंदी तथा भाषा कंप्यूटिंग
6. काव्यांजलि-कमविता संग्रह (संपादक)
7. कंथासाहित्य (संपादित) सदस्य
8. नाटक तथा एकांकी संपादित सदस्य
9. साहित्य भारती (संपादित) सदस्य
10. काव्यांजलि- कविता संग्रह (संपादक)
11. निबंध तथा कथेत्तर गद्य (गद्यसागर) संपादक
8) प्रकाशन: समता प्रकाशन कानपुर (उ.प्र.), विकास प्रकाशन कानपुर (उ.प्र.), वाणी प्रकाशन हिंदी दिव्य डिस्ट्रीब्यूटर्स कानपुर (उ.प्र.)
9) अन्य : अध्यक्ष, हिंदी अध्ययन मंडल, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय नांदेड़
10) अध्ययन क्षेत्र : प्रयोजनमूलक हिंदी तथा साहित्य रोजगार क्षेत्र से संबंधित लेखन कार्य
11) संप्रति : अध्यक्ष हिंदी विभाग भाई किशन राव देशमुख महाविद्यालय चाकुर जिला, लातूर
भूमिका