भारतीय काव्यशास्त्र अतीत और वर्तमान

Rs.795.00

9789383931378
HB
Academic Publication
प्रवीण कुमार
23/36/16
207
2021

Description

सौंदर्यशास्त्र ना केवल जीवन की समीक्षा है बल्कि जीवन मूल्यों की खोज का शास्त्र है | जिसका इतिहास भी है और उसकी निर्मिति चेतना के आधार पर होती है | वह समग्रता या समग्र जीवन के अनुसंधान का अध्ययन है| भारतीय सौंदर्यशास्त्र के संदर्भ में यह रोचक तथ्य है कि भारतीय विद्वानों ने काव्यशास्त्र को ही सौंदर्यशास्त्र का प्रतिमान माना है| जबकि यह विदित है कि काव्यशास्त्र और सौंदर्यशास्त्र में अंतर होता है काव्यशास्त्र के तत्वों को सौंदर्यशास्त्र का तत्व मानने से सिर्फ काव्य की ही समीक्षा हो सकती है अन्य कला और गद्य साहित्य उससे बाहर ही रहेगा | कविता में भी आधुनिक काल से पूर्व की ही कविता का ही विश्लेषण संभव हो सकता है और वह भी पूर्णत: नहीं | अतएव अधतन कला एवं साहित्य का अध्ययन अध्यापन काव्यशास्त्रीय तत्वों के आधार पर नहीं किया जा सकता है और न ही इस आधार पर साहित्य का सृजन ही होता है ना ही किया जा सकता है | आज का साहित्य विचारों व समस्याओं पर केंद्रित है| आज के साहित्य का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन साहित्य के सामाजिक सरोकारों व उसकी संवेदना ओं के साथ विचार- दर्शन की उत्कृष्टता से जुड़ा हुआ है |

About Author

प्रवीण कुमार

दलित साहित्य का युवा अध्येता | जन्म 5 जनवरी 1984, महेशपुर, झंझारपुर, मधुबनी, बिहार के एक साधारण किसान परिवार में हुआ है | प्रारंभिक शिक्षा गांव और दरभंगा में संपन्न हुई तत्पश्चात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली से ए.म. (हिंदी), ओमप्रकाश वाल्मीकि की आलोचना दृष्टि: दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र के संदर्भ में विषय विषय पर एम. फिल. एवं हिंदी दलित साहित्य का सौंदर्यबोध: एक आलोचनात्मक अध्ययन (संदर्भ: कथा साहित्य और आत्मकथा) विषय पर पीएचडी किया |

प्रकाशित रचनाएं : सौंदर्यशास्त्र और दलित दृष्टि, दलित जीवन, संघर्ष और स्वपन (सं.), हिंदी दलित साहित्य का सौंदर्यबोध: चिंतन और प्रक्रिया, दलित चेतना की कविताएं (सं.), हिंदी दलित आत्मकथाएं स्वानुभूति एवं सर्जना का परिप्रेक्ष्य (श्रृंखला -एक) (सं.), दलित चेतना की कहानियां(सं.), हिंदी दलित आत्मकथाएं : सहानुभूति एवं सर्जना का परिप्रेक्ष्य (श्रृंखला - दो) (सं.), द्वारा शिकोह: आज के संदर्भ में (सं.), हिंदी कथा साहित्य : संवेदना और सौंदर्य तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में शोध- पत्र आलेख कविताएं और अन्य रचनाकर्म प्रकाशित | संप्रति : सहायक आचार्य, हिंदी विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक (मध्यप्रदेश )

Table of Content

  1. भूमिका
  2. काव्य की अवधारणा
  3. रस सिद्धांत
  4. अलंकार सिद्धांत
  5. रीति सिद्धांत
  6. वक्रोक्ति सिद्धांत
  7. ध्वनि सिद्धांत
  8. औचित्य सिद्धांत
  9. साहित्य और सौंदर्य की अवधारणा
  10. साहित्य का सौंदर्यशास्त्र
  11. सौंदर्यशास्त्र की भारतीय अवधारणा