प्रसाद का कथा साहित्य और स्वच्छन्दतावाद

Rs.795.00

9789383931118
HB
Academic Publication
अमन उल्लाह खाँ
23/36/16
2014

Description

डॉ. अमानुल्लाह खाँ पिछले दो दशकों से लेखन कार्य से जुड़े हुए है |विभिन्न विषयों पर लेखन के साथ-साथ प्रसाद के कथा साहित्य पर भी गहनता के साथ लिखकर अपने रचना कौशल एवं अनुसंधात्मक निपुणता पूर्णता का परिचय इस पुस्तक द्वारा प्राप्त होता है | किसी भी साहित्यकार की विचारधारा को सूक्ष्मता के साथ आत्मसात करके उसके पाठकों के सम्मुख करना तथा उसका विश्लेषण करना पर्याप्त जटिल कार्य है

About Author

अमन उल्लाह खाँ

जन्म : 12 जून 1965 को उत्तर प्रदेश के जनपद एटा शहर में |

शिक्षा : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा आगरा विश्वविद्यालय, आगरा से एम.ए. अर्थशास्त्र, एम.कॉम तथा हिंदी साहित्य में पी.एच.डी.| पिछले दो दशक से डॉ. अमानुल्लाह खाँ लेखक के कार्य में सक्रिय हैं | अनेक विषयों पर लेख तथा पुस्तके लिखकर साहित्य की साधना में कार्यरत है | राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठीयोंमें भाग ले चुके हैं | हिंदी साहित्य में अनुसंधात्मक लेखन के अतिरिक्त हास्य व्यंग लेखन तथा रंगमंच गतिविधियों में लिप्त है | संप्रति : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में सेवारत |

Table of Content

  1. स्वच्छन्दतावाद सैद्धांतिक विवेचन
  2. प्रसाद के कथा-साहित्य में राष्ट्रीय चेतना
  3. प्रसाद के कथा-साहित्य में विद्रोह भावना/मानववाद
  4. प्रसाद के कथा-साहित्य में प्रेम एवं सौंदर्य चेतना
  5. प्रसाद के कथा-साहित्य के प्रमुख पात्र
  6. प्रसाद के कथा-साहित्य का स्वच्छन्दतावादी शिल्प-विधान
  7. प्रसाद कथा-साहित्य का समग्र मूल्यांकन पुस्तक-सूची