इस पुस्तक में आधुनिक भारत के इतिहास का वर्णन किया गया है | भारतीयों की फूट तथा विघटनकारी तत्वों के कारण 18 वीं शताब्दी में भारत पर अंग्रेजों का प्रभुत्व जम गया | भारत के इतिहास में लगभग पहली बार ऐसा हुआ कि इसके प्रशासन और भाग्य निर्णय की डोर एक ऐसी विदेशी जाति के हाथों में चली गई, जिसके मातृभूमि कई हजार मील दूर अवस्थित थी | इस तरह की पराधीनता भारत के लिए सवरथा नया अनुभव थी | क्योंकि यों तो अतीत में भारत पर कई आक्रमण हुए थे, समय-समय पर भारतीय प्रदेश के कुछ भाग अस्थायी तौर पर विजेताओं के उपनिवेशो में शामिल हो गए थे, पर ऐसे अवसर पर काम ही आए थे, और उनकी अवधि भी अत्यलप ही रही थी | भारत पर अंग्रेजों ने एक विदेशी की तरह शासन किया |
डॉ. रेनू
जन्म : 7 जनवरी 1960
लेखिका - कवियत्री, पत्रकार व स्त्रीमुक्ति आंदोलन की अग्रणीय कार्यकर्ता, कई संगठनों की संस्थापक सदस्य | दलित आदिवासी से महिलाओं के लिए कार्यरत | सामाजिक , सांस्कृतिक व राजनैतिक कार्यक्रमों में सहभागिता | टीवी चैनल पर आमंत्रित वक्ता ,कई देशों की यात्राएं | विभिन्न सम्मान व पुरस्कारों से सम्मानित | दलित मानवाधिकार मुद्दे पर और सफाई कर्मचारियों की समस्याओं पर संजीदगी से हस्तक्षेप | उत्तरभारत में दलित महिला आंदोलन के दस्तावेजीकरण हेतु सक्रिय | आपकी 4 पुस्तकें और 15 से ज्यादा सामाजिक अनुसंधान लेख प्रकाशित हुए हैं |